Recent Posts

free counters
Showing posts with label बैरि-नाशक हनुमान ग्यारहवाँ. Show all posts
Showing posts with label बैरि-नाशक हनुमान ग्यारहवाँ. Show all posts

Wednesday, June 22, 2011

बैरि-नाशक हनुमान ग्यारहवाँ

बैरि-नाशक हनुमान ग्यारहवाँ विधिः- दूसरे से माँगे हुए मकान में, रक्षा-विधान, कलश-स्थापन, गणपत्यादि लोकपालों का पूजन कर हनुमान जी की प्रतिमा-प्रतिष्ठा करे। नित्य ११ या १२१ पाठ, ११ दिन तक करे। ‘प्रयोग’ भौमवार से प्रारम्भ करे। ‘प्रयोग’-कर्त्ता रक्त-वस्त्र धारण करे और किसी के साथ अन्न-जल न ग्रगण करे। अञ्जनी-तनय बल-वीर रन-बाँकुरे, करत हुँ अर्ज दोऊ हाथ जोरी, शत्रु-दल सजि के चढ़े चहूँ ओर ते, तका इन पातकी न इज्जत मेरी, करत जो चुगलई मोर दरबार में, लेहु तेहि झपट मत करहु देरी, मातु की आनि तोहि, सुनौ प्रभु कान दे, अञ्जनी-सुवन मैं सरन तोरी।।१ पवन के पूत अवधूत...

Twitter Delicious Facebook Digg Stumbleupon Favorites More