१॰ “ॐ पीर बजरङ्गी, राम-लक्ष्मण के सङ्गी, जहाँ-जहाँ जाए, फतह के डङ्के बजाए, दुहाई माता अञ्जनि की आन।”
२॰ “ॐ नमो महा-शाबरी शक्ति, मम अनिष्ट निवारय-निवारय। मम कार्य-सिद्धि कुरु-कुरु स्वाहा।”
विधिः- यदि कोई विशेष कार्य करवाना हो अथवा किसी से अपना काम बनवाना हो तो कार्य प्रारम्भ करने के पूर्व अथवा व्यक्ति-विशेष के पास जाते समय उक्त दो मन्त्रों में से किसी भी मन्त्र का जप करता हुआ जाए। कार्य में सिद्धि होगी।
२॰ “ॐ नमो महा-शाबरी शक्ति, मम अनिष्ट निवारय-निवारय। मम कार्य-सिद्धि कुरु-कुरु स्वाहा।”
विधिः- यदि कोई विशेष कार्य करवाना हो अथवा किसी से अपना काम बनवाना हो तो कार्य प्रारम्भ करने के पूर्व अथवा व्यक्ति-विशेष के पास जाते समय उक्त दो मन्त्रों में से किसी भी मन्त्र का जप करता हुआ जाए। कार्य में सिद्धि होगी।