Recent Posts

free counters

Wednesday, November 10, 2010

सुख-शान्ति-दायक महा-लक्ष्मी महा-मन्त्र प्रयोग

सुख-शान्ति-दायक महा-लक्ष्मी महा-मन्त्र प्रयोग विनियोगः- ॐ अस्य श्रीपञ्च-दश-ऋचस्य श्री-सूक्तस्य श्रीआनन्द-कर्दम-चिक्लीतेन्दिरा-सुता ऋषयः, अनुष्टुप्-वृहति-प्रस्तार-पंक्ति-छन्दांसि, श्रीमहालक्ष्मी देवताः, श्रीमहा-लक्ष्मी-प्रसाद-सिद्धयर्थे राज-वश्यार्थे सर्व-स्त्री-पुरुष-वश्यार्थे महा-मन्त्र-जपे विनियोगः। ऋष्यादि-न्यासः- श्रीआनन्द-कर्दम-चिक्लीतेन्दिरा-सुता...

लक्ष्मीकवच

श्रीमधुसूदन उवाच गृहाण कवचं शक्र सर्वदुःखविनाशनम्। परमैश्वर्यजनकं सर्वशत्रुविमर्दनम्।। ब्रह्मणे च पुरा दत्तं संसारे च जलप्लुते। यद् धृत्वा जगतां श्रेष्ठः सर्वैश्वर्ययुतो विधिः।। बभूवुर्मनवः सर्वे सर्वैश्वर्ययुतो यतः। सर्वैश्वर्यप्रदस्यास्य कवचस्य ऋषिर्विधि।। पङ्क्तिश्छन्दश्च सा देवी स्वयं पद्मालया सुर। सिद्धैश्वर्यजपेष्वेव विनियोगः प्रकीर्तित।। यद्...

सौभाग्याष्टोत्तरशतनामस्तोत्र

सौभाग्याष्टोत्तरशतनामस्तोत्र किसी भी श्रद्धा-विश्वास-युक्त स्त्री के द्वारा स्नानादि से शुद्ध होकर सूर्योदय से पहले नीचे लिखे मन्त्र की १० माला प्रतिदिन जप किये जाने से घर में सुख-समृद्धि की वृद्धि होती है तथा उसका सौभाग्य बना रहता है। किसी शुभ दिन जप का आरम्भ करना चाहिये तथा प्रतिवर्ष चैत्र और आश्विन के नवरात्रों में विधिपूर्वक हवन करवा कर यथाशक्ति...

Tuesday, November 9, 2010

श्री महा-विपरीत-प्रत्यंगिरा स्तोत्र

नमस्कार मन्त्रः- श्रीमहा-विपरीत-प्रत्यंगिरा-काल्यै नमः। ।।पूर्व-पीठिका-महेश्वर उवाच।। श्रृणु देवि, महा-विद्यां, सर्व-सिद्धि-प्रदायिकां। यस्याः विज्ञान-मात्रेण, शत्रु-वर्गाः लयं गताः।। विपरीता महा-काली, सर्व-भूत-भयंकरी। यस्याः प्रसंग-मात्रेण, कम्पते च जगत्-त्रयम्।। न च शान्ति-प्रदः कोऽपि, परमेशो न चैव हि। देवताः प्रलयं यान्ति, किं पुनर्मानवादयः।। पठनाद्धारणाद्देवि,...

Saturday, October 30, 2010

ग्रह, आर्थिक, विवाह-बाधा-निवारण प्रयोग

ग्रह, आर्थिक, विवाह-बाधा-निवारण प्रयोग १॰ सिन्दूर लगे अनुमान जी की मूर्ति का सिन्दूर लेकर सीता जी के चरणों में लगाएँ। फिर माता सीता से एक श्वास में अपनी कामना निवेदित कर भक्ति-पूर्वक प्रणाम कर वापस आ जाएँ। इस प्रकार कुछ दिन करने पर सभी प्रकार की बाधाओं का निवारण होता है एवं कामना-पुर्ति होती है। २॰ किसी शनिवार को, यदि उस दिन 'सर्वार्थ-सिद्धि योग' हो, तो और भी उत्तम, सांय-काल अपनी लम्बाई के बराबर लाल रेशमी सूत नाप ले। फिर एक पत्ता बरगद का तोड़े। उसे स्वच्छ जल से धो-कर पोंछ ले। तब पत्ते को बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। इस प्रयोग से सभी प्रकार...

Friday, October 29, 2010

Subh Yog in Your kundli

कुछ ग्रह योग अशुभ माने जाते हैं जो व्यक्ति के जीवन का सुख चैन छीन लेते हैं तो कुछ ऐसे शुभ ग्रह हैं जो व्यक्ति का जीवन संवार देते हैं। ज्योतिषशास्त्र में बताये गये कुछ उत्तम योग हैं महालक्ष्मी योग, नृप योग आदि. ज्योतिष विधा ग्रह और उनके योगों के आधार पर फल का ज्ञान देता है। कुछ ग्रह योग अशुभ माने जाते हैं जो व्यक्ति के जीवन का सुख चैन छीन लेते...

Thursday, October 28, 2010

विरह-ज्वर-विनाशकं ब्रह्म-शक्ति स्तोत्रम्

।।श्रीशिवोवाच।। ब्राह्मि ब्रह्म-स्वरूपे त्वं, मां प्रसीद सनातनि ! परमात्म-स्वरूपे च, परमानन्द-रूपिणि !।। ॐ प्रकृत्यै नमो भद्रे, मां प्रसीद भवार्णवे। सर्व-मंगल-रूपे च, प्रसीद सर्व-मंगले !।। विजये शिवदे देवि ! मां प्रसीद जय-प्रदे। -वेदांग-रूपे च, वेद-मातः ! प्रसीद मे।। शोकघ्ने ज्ञान-रूपे च, प्रसीद भक्त वत्सले। सर्व-सम्पत्-प्रदे माये, प्रसीद जगदम्बिके!।। लक्ष्मीर्नारायण-क्रोडे, स्त्रष्टुर्वक्षसि भारती। मम क्रोडे महा-माया, विष्णु-माये प्रसीद मे।। काल-रूपे कार्य-रूपे, प्रसीद दीन-वत्सले। कृष्णस्य राधिके भदे्र, प्रसीद कृष्ण पूजिते!।। समस्त-कामिनीरूपे,...

श्रीरामरक्षास्तोत्र

॥ श्रीरामरक्षास्तोत्र ॥ ॥ ॐ श्रीगणेशाय नमः ॥ विनियोगः- ॐ अस्य श्रीरामरक्षास्तोत्रमंत्रस्य । बुध-कौशिक ऋषिः । अनुष्टुप् छंदः । श्रीसीतारामचंद्रो देवता । सीता शक्तिः । श्रीमद् हनुमान कीलकम् ।श्रीरामचंद्र-प्रीत्यर्थे श्रीराम-रक्षा-स्तोत्र-मन्त्र-जपे विनियोगः ॥ ऋष्यादि-न्यासः- बुध-कौशिक ऋषये नमः शिरसि । अनुष्टुप् छंदसे नमः मुखे । श्रीसीता-रामचंद्रो देवतायै...

विपत्तिनाश, सम्पदा-प्राप्ति, साधन-सिद्धि

विपत्तिनाश, सम्पदा-प्राप्ति, साधन-सिद्धि (१) श्रीहनुमानजी का अनुष्ठान "ॐ नमो भगवते पञ्चवदनाय महाभीमपराक्रमाय सकलशत्रुसंहारणाय स्वाहा। ॐ नमो भगवते पञ्चवदनाय महाबलप्रचण्डाय सकलब्रह्माण्डनायकाय सकलभूत-प्रेत-पिशाच-शाकिनी-डाकिनी-यक्षिणी-पूतना-महामारी-सकलविघ्ननिवारणाय स्वाहा। ॐ आञ्जनेयाय विद्महे महाबलाय धीमहि तन्नो हनुमान् प्रचोदयात् (गायत्री) ॐ नमो...

Chakshumati Vidya

ॐ अस्याश्चाक्षुषीविद्याया अहिर्बुध्न्य ऋषिः, गायत्री छन्दः, सूर्यो देवता, ॐ बीजम्, नमः शक्तिः, स्वाहा कीलकम्, चक्षूरोगनिवृत्तये जपे विनियोगः। ॐ चक्षुः चक्षुः चक्षुः तेजः स्थिरो भव। मां पाहि पाहि। त्वरितं चक्षुरोगान् शमय शमय। मम जातरूपं तेजो दर्शय दर्शय। यथाहम् अन्धो न स्यां तथा कल्पय कल्पय। कल्याणं कुरू कुरू। यानि मम पूर्वजन्मोपरर्जितानि चक्षुःप्रतिरोधकदुष्कृतानि...

Vidya Prapti Hetu

विद्या-प्राप्ति-प्रयोग १॰ "ॐ ह्रीं क्लीं वद-वद वाग्वादिनी-भगवती-सरस्वति, मम जिह्वाग्रे वासं कुरु कुरु स्वाहा।" २॰ "ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं वाग्वादिनी-देवी सरस्वति, मम जिह्वाग्रे वासं कुरु कुरु स्वाहा।" विधिः- प्रति-दिन प्रातःकाल उक्त मन्त्र का १०८ बार जप करे। बालकों को छोटी उम्र से इस मन्त्र का जप कराए। परिक्षा, नौकरी में तो इस मन्त्र के जप के द्वारा सफलता प्राप्त होती ही है, साथ ही नेतृत्व के गुण भी उत्पन्न होते हैं और समाज में प्रतिष्ठा एवं यश की प्राप्ति होती है। मन्त्र जप के समय श्वेत-वस्त्र, माला व आसन का प्रयोग करना चाहिए। मन्त्र के जप के साथ-साथ...

Wednesday, October 27, 2010

Durga Saptshati

There great Indian epic contains rituals of Mahashakt...

Friday, October 22, 2010

Swarvigyan

स्वर विज्ञान आईने में क्या कभी आपने अपनी नाक को ध्यान से देखा है? अगर हाँ, तो बताइए हमारे जीवन में नाक की क्या उपयोगिता है? इस प्रश्न का उत्तर देने के बाद ही आगे पढ़ें। यदि आपका उत्तर भी यही है कि नाक हमारी प्रमुख ज्ञानेन्द्रिय है, इसके द्वारा हम गंध की पहचान एवं आवश्यक प्राणवायु ग्रहण करते हैं, तो आज तक आप भी एक महत्वपूर्ण एवं लाभदायक विज्ञान से अनभिज्ञ हैं। इसके विपरीत यदि आपके उत्तर में स्वर-विज्ञान या स्वरोदय विज्ञान का भी उल्लेख है, तो निश्चित ही आप भाग्यवान हैं एवं ईश्वर के कृपापात्र हैं, क्योंकि स्वर विज्ञान को जानने वाला कभी भी विपरीत...

Thursday, October 21, 2010

mantra vigyan

शान्ति मन्त्र(For peace and prosperity) ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्षँ शान्ति: पृथिवी शान्तिराप: शान्तिरोषधय: शान्ति: । वनस्पतये: शान्तिर्विश्वे देवा: शाकंन्तिर्ब्रह्म शान्ति: सर्वँ शान्ति: शान्तिरेव शान्ति: सा मा शान्तिरेधि ॥ ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति: ॥ कं मृत्यु के भय का नाश, त्वचारोग व रक्त विकृति में। Relieves one from the fear of death; is useful...

Wednesday, October 20, 2010

Revaels the truths of sprituality and self realisation

...

Page 1 of 812345Next
Twitter Delicious Facebook Digg Stumbleupon Favorites More