।।श्रीशिवोवाच।।
ब्राह्मि ब्रह्म-स्वरूपे त्वं, मां प्रसीद सनातनि !
परमात्म-स्वरूपे च, परमानन्द-रूपिणि !।।
ॐ प्रकृत्यै नमो भद्रे, मां प्रसीद भवार्णवे।
सर्व-मंगल-रूपे च, प्रसीद सर्व-मंगले !।।
विजये शिवदे देवि ! मां प्रसीद जय-प्रदे।
-वेदांग-रूपे च, वेद-मातः ! प्रसीद मे।।
शोकघ्ने ज्ञान-रूपे च, प्रसीद भक्त वत्सले।
सर्व-सम्पत्-प्रदे माये, प्रसीद जगदम्बिके!।।
लक्ष्मीर्नारायण-क्रोडे, स्त्रष्टुर्वक्षसि भारती।
मम क्रोडे महा-माया, विष्णु-माये प्रसीद मे।।
काल-रूपे कार्य-रूपे, प्रसीद दीन-वत्सले।
कृष्णस्य राधिके भदे्र, प्रसीद कृष्ण पूजिते!।।
समस्त-कामिनीरूपे,...